- कोर्ट की सख्ती के बाद परिवहन विभाग ने ध्वनि प्रदूषण स्थायी रूप से रोकने के लिए केस स्टडी कराई है, जिसके तहत बुलेट के साइलेंसर में एक सिलिंग वायर के जरिए ताला लगाकर ध्वनि प्रदूषण रोकने का दावा किया गया है.
लखनऊ. अब बुलेट बाइक की कानफाड़ आवाज पर लगाम लगेगी. दरअसल, कोर्ट की सख्ती के बाद परिवहन विभाग ने ध्वनि प्रदूषण स्थायी रूप से रोकने के लिए केस स्टडी कराई है, जिसके तहत बुलेट के साइलेंसर में एक सिलिंग वायर के जरिए ताला लगाकर ध्वनि प्रदूषण रोकने का दावा किया गया है. फर्रुखाबाद में तैनात संभागीय निरीक्षक प्राविधिक (आरआई) जीवन कुमार ने यह केस स्टडी की है. आरआई जीवन इससे पहले चेन्नई की ऑटोमोबाइल कंपनी में ढाई हजार बुलेट का अध्ययन किया. उन्होंने इसकी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को सौंपी है.
अब विभाग रिपोर्ट का परीक्षण कर चेन्नई रॉयल इंफील्ड कंपनी को भेजेगी. इसके तहत वाहन निर्माता कंपनी को साइलेंसर में बदलाव के लिए कहा जाएगा. संभागीय निरीक्षक प्राविधिक जीवन कुमार मूलत: झांसी के रहने वाले हैं और अगस्त 2019 में परिवहन विभाग के सेवा में आए. बीटेक डिप्लोमा के साथ इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके पहले रक्षा मंत्रालय दिल्ली में क्वालिटी कंट्रोल पद पर तैनात रहे. इस दौरान पुणे, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में काम किया. बता दें कि बुलेट बाइक के साइलेंसर के पाइप में जहां फीडिंग होती है, वहां नट-बोल्ट लगा है. इसे हटाकर सीलिंग वॉयर के जरिए लॉक लगाना होगा. परिवहन आयुक्त इस केस स्टडी का पुन: परीक्षण करेंगे. इसके बाद प्रस्ताव बनाकर निर्माता कंपनी को भेजेंगे. लखनऊ आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत बुलेट बाइक 32 हजार से ज्यादा है. ये वाहन तीन विभिन्न मॉडलों में पंजीकृत हैं, जिसमें तय क्षमता से अधिक ध्वनि प्रदूषण निकलने की बात सामने आ रही है. अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) वीके सोनकिया के मुताबिक, बुलेट का ध्वनि प्रदूषण काबू में करने में बड़ी उपलब्धि मिलने के बाद इस केस स्टडी को निर्माता कंपनी को भेजकर लॉक के जरिए प्रदूषण रोकने की कोशिश होगी.
बुलेट की कानफोडू आवाज पर कोर्ट ने लगाया ताला, सायलेंसर में होगा ये बदलाव