उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने दो से अधिक बच्चे वाले माता-पिता को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत कई तरह के प्रतिबंध लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है
लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून का मसौदा तैयार कर लिया है. राज्य विधि आयोग की सिफारिश है कि दो से अधिक बच्चे वाले माता-पिता को सरकारी नौकरी से वंचित किया जाए. इतना ही नहीं, आयोग ने सिफारिश किया है कि दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत कई तरह के प्रतिबंध लागू किया जाए.
आयोग के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण पर प्रस्तावित कानून के तहत एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता-पिता को सरकारी नौकरी समेत कई तरह की सुविधाएं देने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। वहीं, दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी नौकरी, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी समेत कई सुविधाओं से वंचित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण पर कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है. मसौदे में आपत्तियों और सुझावों का अध्ययन करने के बाद संशोधित मसौदा तैयार करके राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. उन्होंने बताया कि इसे उत्तर प्रदेश जनसंख्याय (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के नाम से जाना जाएगा. यह कानून 21 वर्ष से अधिक उम्र के युवकों और 18 वर्ष से कम उम्र केयुवतियों पर लागू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि मसौदे में वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले बीपीएल श्रेणी के माता-पिता को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव बनाया गया है. वन चाइल्ड पॉलिसी के तहत जो माता-पिता अपने पहले बच्चे के बाद आपरेशन करा लेंगे उन्हेंकई तरह की सरकारी सुविधाएं मिलेंगी। आयोग से मिली जानकारी के अनुसार पहला बच्चा लड़का होने पर 80 हजार रुपये और लड़की होने पर 1 लाख रुपये की राशि बतौर प्रोत्साहन दी जाएगी. इसके अलावा ऐसे माता-पिता की बेटी को उच्च शिक्षा तक निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी. साथ ही मुफ्त में मेडिकल सुविधा और सरकारी नौकरी होने पर 2 बार इंक्रीमेंट भी दिए जाएंगे.