राज्य निर्वाचन आयोग ने पंच व प्रधान प्रत्याशियों को निर्देश हेते हुए कहा है कि वह पंचायत चुनाव के दौरान वर्तमान सांसद-विधायक, पूर्व या वर्तमान मंत्री किसी ऐसे व्यक्ति को चुनाव अभिकर्ता न बनाएं जो सरकार या निकायों से किसी प्रकार का लाभ हासिल ले रहा हो
उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव में प्रत्याशी, पूर्व या निवर्तमान माननीयों को चुनाव अभिकर्ता (एजेंट) नहीं बना पाएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने सख्त होकर इस प्रक्रिया पर रोक लगाने को कहा है. इस आदेश के पीछे आयोग की मंशा साफ है कि कोई भी व्यक्ति मतदान के दौरान किसी प्रकार का दबाव न बना सके.
आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने यूपी पंचायत एवं नगरीय निकाय ने हिदायतें दे रखी हैं. आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी पूर्व या वर्तमान सांसद-विधायक, पूर्व या वर्तमान मंत्री, ब्लाक प्रमुख या किसी ऐसे व्यक्ति को चुनाव अभिकर्ता न बनाएं जो, भारत सरकार, राज्य सरकार या निकायों से किसी प्रकार का लाभ हासिल ले रहा हो. आयोग ने यह भी कहा है कि प्रत्याशी किसी भी सूरत में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को एजेंट न बनाएं. साथ ही मतदाताओं को मतदान करने या न करने के लिए दबाव देने या किसी भी प्रकार से उपहार देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बिना अनुमति लिए चुनाव प्रचार में किसी भी प्रकार के वाहन का इस्तेमाल न किया जाए.
वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के इन निर्देशों पर अमल कराने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी कमर कस ली है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग और प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा.