उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव को इस बार आरक्षण के नए चक्रानुक्रम फॉर्मूले पर किया जाएगा. जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के पास चार नए फॉर्मूले बनाकर भेज दिया गया है. जिनमे से एक पर योगी सरकार पंचायत चुनाव कराएगी
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण का नया फॉर्मूला लागू किया जाएगा. जिसके लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया था. जिसमे चार फॉर्मूले है, उनपर ही सरकार को फैसला लेना है कि इस बार का त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव किस फार्मूले पर किया जाएगा. आपको बता दे कि साल 2021 में उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव होने है. जिसमे ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष को चुना जाएगा. हालांकि इस बार के भी पंचायत चुनाव चक्रानुक्रम फॉर्मूले पर ही किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार पिछली बार के पंचायत चुनाव को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने अपने हिसाब से आरक्षण फॉर्मूले पर चुनाव कराए थे, लेकिन इस बार पिछले बार के पंचायत चुनाव वाली आरक्षण प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. वहीं इस बार नए आरक्षण फॉर्मूले को अपनाकर पंचायत चुनाव कराए जाएंगे. साथ ही सूत्रों से पता चला है कि इस बार का पंचायत चुनाव का नया फॉर्मूला 20 फरवरी के बाद आएगा. यह भी पता चला है कि इस बार के पंचायत चुनाव अप्रैल और मई महीने में सम्पन्न कराए जा सकते है.
चक्रानुक्रम आरक्षण
इस आरक्षण प्रक्रिया के तहत जब एक बार किसी सीट पर एक वर्ग के लिए आरक्षित कर चुनाव करा दिया जाता है तो अगली बार उस सीट पर उस वर्ग के अलावा अन्य वर्ग के लिए आरक्षित कर चुनाव कराया जाता है. वहीँ इसमें ये चक्र इस तरह से चलता है- सबसे पहले एसटी वर्ग की बारी आती है, जिसपर सबसे पहले एसटी महिला फिर पुरुष, उसके बाद एससी महिला उसके बा एससी पुरुष, ओबीसी महिला ओबीसी पुरुष. यदि इसके बावजूद महिला की 33% प्रतिशत आरक्षण पूरा नहीं होता है तो सिर्फ महिला सीट रखी जाती है इसके बाद अनारक्षित को सीटे दी जाती है.