ऐसा अनोखा गांव जहां सोने के बाद महीनों तक नहीं उठते लोग, वैज्ञानिक भी...

 

नई दिल्ली। रामायण में रावण के भाई कुंभकर्ण के बारे में पूरी दुनिया जानती है। कुंभकर्ण को उनकी चिरनिद्रा की वजह से जाना जाता है। रामायण में दर्ज है कि वे वर्ष के 6 महीने सोते थे और एक दिन के लिए जागते थे। कुंभकर्ण को लेकर तो लोकोक्ती भी है। अधिक सोनो वाले को कुंभकर्णी निद्रा वाला बोला जाता है। पर आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे गांव की जहां लोग जम कर सोते हैं।

दुनिया में एक गांव ऐसा है जहां लोग महीनों तक सोते हैं। यह बात आपको दंग कर सकती है लेकिन बात एकदम हकीकत है। इस नायाब गांव का नाम कलाची है। कजाकिस्तान में स्थित कलाची गांव ऐसा है जहां के लोग एक दो दिन नहीं बल्कि कई महीनों तक सोते हैं। यही वजह है कि कलाची गांव को लोग स्लीपी हॉलो के नाम से जानते हैं। यहां के लोग ज्यादातर सोते हुए नज़र आते हैं। इनके सोने की आदतों की वजह से इन ग्रामीणों पर कई बार अध्ययन भी किया गया है।

वैज्ञानिकों की माने तो इस गांव में यूरेनियम से बनने वाली जहरीली गैस का असर बहुत ज्यादा अधिक है जिसकी वजह से यहां लोग सामान्य से अधिक सोते रहते हैं। जानकार यह भी बताते हैं कि इस गांव में जो पानी है उसमें भी यूरेनियम की जहरीली गैस का असर बहुत ज्यादा रहता है जिससे पानी भी ज़हरीला और दूषित हो गया है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पानी में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस की मात्रा अधिक है जिससे लोग महीनों सोते हैं।

इस विचित्र गांव में लगभग 600 लोग निवास करते हैं जिनका अधिक समय सोने में निकल जाता है, पर एक दंग करने वाली बात यह भी है कि सोने के बाद गांव वालों को पिछली सभी बातें भूल जाती हैं। आज स्थिति यह है कि इस गांव के ज्यादातर लोग जैसी बमारी से जूझ रहे हैं। जब इन्हें पिछली बात याद दिलाई जाती है तब वह बात याद आती है। कलाची गांव की अच्छाई है जो और भी दंग करने वाली है यहां के लोगों को कब नींद आ जाएगी यह उन्हें भी नहीं पता होता है। हालत यह है कि यहां के लोगों को चलते-फिरते खाते-पीते, नहाते हुए किसी भी समय नींद आ सकती है। इस विचित्र गांव के लोगों की माने तो उन्हें नींद आने का आभास भी नहीं होता है।