ऑनलाइन क्लासेस के बीच बच्चों की आंखों की ऐसे करें केयर

ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों की पोजिशन काफी अहम् है। आप यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा फोन को अपनी आँखों के बहुत पास नहीं रखता है क्योंकि इससे उसकी आंखों को तनाव हो सकता है और आँखों की मांसपेशियों की थकान हो सकती है।




पिछले कुछ समय में देश में बच्चों के पढ़ने का तरीका काफी बदल गया है। अब बच्चों की क्लासेस स्कूल की कक्षाओं में नहीं हो रही हैं, बल्कि बच्चे घर पर ही स्क्रीन के सामने बैठकर पढ़ाई करने लगे हैं। यकीनन बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो, ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस का सहारा लेना अच्छा विचार है। लेकिन इसके नकारात्मक पहलुओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहने से बच्चों की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप ऑनलाइन क्लासेस के बीच बच्चों की आंखों को होने वाले नुकसानों को काफी हद तक कम कर सकते हैं−


सही हो पोजिशन


आई केयर एक्सपर्ट कहते हैं कि ऑनलाइन क्लासेस के दौरान बच्चों की पोजिशन काफी अहम् है। आप यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा फोन को अपनी आँखों के बहुत पास नहीं रखता है क्योंकि इससे उसकी आंखों को तनाव हो सकता है और आँखों की मांसपेशियों की थकान हो सकती है। लैपटॉप या डेस्कटॉप का उपयोग करते समय, सुनिश्चित करें कि मॉनिटर आंख के स्तर पर है। इस तरह आंखों को अपेक्षाकृत कम नुकसान होता है।


आंखों को झपकाए


यह एक ऐसा स्टेप है, जो आंखों के लिए बेहद जरूरी है और पैरेंट्स को ही इसे बच्चों को सिखाना होगा। आई केयर एक्सपर्ट की मानें तो स्क्रीन टाइम के दौरान बच्चों को अपनी आंखों को बीच−बीच में ब्लिंक करना चाहिए। उन्हें कहें कि हर आधे घंटे में वह कम से कम दस बार अपनी आंखों को जरूर झपकाएं। इससे उन्हें आंखों में रूखेपन व इचिनेस जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।


कम करें टाइमिंग


चूंकि इन दिनों बच्चे वैसे ही स्क्रीन पर काफी समय व्यतीत कर रहे हैं। ऑनलाइन क्लासेस लेने से लेकर होमवर्क आदि भी अब स्क्रीन पर ही होने लगे हैं। जिसके कारण उनका स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया है। ऐसे में उनकी आंखों की रक्षा के लिए आप उनका स्क्रीन टाइम कम करें। मसलन, उसे अलग से खेलने या टाइम पास करने के लिए टीवी देखने या फिर फोन पर गेम खेलना कम करें। इससे भी उनकी आंखों को कम नुकसान होगा।