नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट से एक तरफ जहां पूरी दुनिया जूझ रही है वहीं दूसरी ओर अंतरिक्ष से एक बड़ी 'आफत' तेज गति से धरती के नजदीक आ रही है। वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है कि अंतरिक्ष में चक्कर लगा रही हमारी पृथ्वी के बेहद पास से इस महीने कई खतरनाक ऐस्टरॉइड गुजरेंगे। इन सभी ऐस्टरॉइड में सबसे खतरनाक अपोलो श्रेणी का ऐस्टाइरॉइड 1997 BQ है। यह ऐस्टाइरॉइड अंतरिक्ष के सबसे बड़े और खतरनाक ऐस्टरॉइड में शामिल किया जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चेताते हुए बताया कि यह ऐस्टरॉइड बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है और 21 मई को पृथ्वी की कक्षा से गुजरेगा।
21 मई को गुजरेगा पास से- अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक एक किलोमीटर लंबे किसी भी ऐस्टरॉइड के पृथ्वी के टकराने से बड़ा विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। 1997 BQ ऐस्टरॉइड को 136795 के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और 21 मई को इसके पृथ्वी के बेहद पासे गुजरने की संभावना है। इस ऐस्टरॉइड की रफ्तार 11.6 किमी प्रति सेकंड है।
लाएगा विशाल तबाही- वैज्ञानिकों की माने तो ऐस्टरॉइड 1997 BQ से भले ही कोई खतरा न हो लेकिन नासा के वैज्ञानिक पूरी सावधानी बरत रहे हैं। नासा के मुताबिक यह ऐस्टरॉइड 97 प्रतिशत अन्य ऐस्टरॉइड की तुलना में ज्यादा बड़ा है। अगर यह ऐस्टरॉइड पृथ्वी से टकराता है तो भयानक तबाही लाने में सक्षम है। यही नहीं अगर यह ऐस्टरॉइड बिना पृथ्वी को छुए ही निकल जाता है तो भी यह विशाल सुनामी ला सकता है। इसमें लाखों लोगों की जान जा सकती है। इसी खतरे को देखते हुए वैज्ञानिक पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
नहीं हो सकता नष्ट- वहीं एक वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि पृथ्वी की तरफ आ रहे ऐस्टरॉइड को नष्ट नहीं किया जा सकता है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के कारण उसके टुकड़े फिर से आपस में जुड़ सकते हैं। एस्ट्रोनॉमर अभी करीब 2,000 ऐसे ऐस्टरॉइड, कॉमेट और दूसरे आकाशीय पिंडों पर नजर रख रहे हैं जो पृथ्वी के लिए खतरा हो सकते हैं। नासा के मुताबिक ऐसे आकाशीय पिंडों को नियर अर्थ ऑब्जेक्ट कहा जाता है जो आसपास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण की जद में आ जाते हैं और पृथ्वी के करीब पहुंच जाते हैं।