न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने रेकिट को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि विचारणीय विज्ञापन में ‘‘द्वेषपूर्ण संकेत’’ हैं जो लोगों को एंटीसेप्टिक लिक्विड के उपयोग के लिए हतोत्साहित करता है। अदालत ने कहा कि यह कमतर करके दिखाने का प्रथम दृष्टया मामला है तथा यदि कोई अंतरिम राहत नहीं दी जाती तो रेकिट को अपूरणीय क्षति होती।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हिंदुस्तान लीवर के लाइफबॉय साबुन के विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगा दी, जिसमें कथित रूप से रेकिट बेनकाइजर के डेटॉल एंटीसेप्टिक लिक्विड को कथित रूप से कमतर करके दिखाया गया है। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने रेकिट को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि विचारणीय विज्ञापन में ‘‘द्वेषपूर्ण संकेत’’ हैं जो लोगों को एंटीसेप्टिक लिक्विड के उपयोग के लिए हतोत्साहित करता है। अदालत ने कहा कि यह कमतर करके दिखाने का प्रथम दृष्टया मामला है तथा यदि कोई अंतरिम राहत नहीं दी जाती तो रेकिट को अपूरणीय क्षति होती।
अदालत ने यह भी ध्यान दिलाया कि कमतर करके दिखाने वाले इस विज्ञापन का दिसंबर 2018 के बाद से प्रसारण नहीं किया गया किंतु हिंदुस्तान लीवर यह बयान देने के लिए तैयार नहीं था कि जब तक रेकिट बेनकाइजर की मुख्य याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक वह इन्हें प्रसारित नहीं करेगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हिंदुस्तान लीवर विवादित विज्ञापन को प्रसारित करने से पहले रेकिट को उचित नोटिस देने को तैयार नहीं था।
अदालत ने यह भी ध्यान दिलाया कि जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंदुस्तान लीवर को यह विज्ञापन प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया तो वह प्रतिबंध पूरे देश के लिए था। केवल किसी एक राज्य के लिए नहीं था क्योंकि टेलीविजन पर दिखाये जाने वाले विज्ञापन का कवरेज राष्ट्रीय होता है। रेकिट बेनकाइजर को अंतरिम राहत देते हुए अदालत नेमुख्य मामले की सुनवाई को 16 जून के लिए सूचीबद्ध किया।