संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि शुक्रवार को दोपहर रेसीडेंसी क्षेत्र में बिना अनुमति किये गये धरना-प्रदर्शन को लेकर एक तहसीलदार की शिकायत पर लगभग 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गयी।
इंदौर (मध्यप्रदेश)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक कथित विवादास्पद बयान का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं। इस बीच, पुलिस ने यहां विजयवर्गीय समेत करीब 350 भाजपा कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोपों वाली धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि शुक्रवार को दोपहर रेसीडेंसी क्षेत्र में बिना अनुमति किये गये धरना-प्रदर्शन को लेकर एक तहसीलदार की शिकायत पर लगभग 350 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार देर रात प्राथमिकी दर्ज की गयी। इनमें विजयवर्गीय, इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी और भाजपा के अन्य स्थानीय नेता शामिल हैं।
विजयवर्गीय की अगुवाई में दो दिन पहले किये गये जिस धरना-प्रदर्शन को लेकर यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उसमें भाजपा के 63 वर्षीय महासचिव ने आरोप लगाया था कि सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इशारे पर स्थानीय प्रशासन भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना से पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहा है। इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुका है। विजयवर्गीय इस वीडियो में कहते सुनायी पड़ रहे हैं, आखिर कोई प्रोटोकॉल होता है या नहीं? हम सरकारी अधिकारियों से लिखित निवेदन कर रहे हैं कि हम उनसे मिलना चाहते हैं। क्या वे हमें यह सूचना भी नहीं देंगे कि वे शहर से बाहर हैं? यह अब हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे संघ के पदाधिकारी (यहां) हैं, नहीं तो आज आग लगा देता इंदौर में।