प्रयागराज जोन के एडीजी सुजीत पाण्डेय के मुताबिक प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत और नया लुक प्रदान करने के लिए ही थ्री नॉट थ्री रायफल को रिप्लेस कियाजा रहा है.
प्रयागराज. यूपी पुलिस (UP Police) में बीते सात दशकों से राज करने वाली थ्री नॉ थ्री राइफल को अत्याधुनिक इंसास और एसएलआर (SLR) राइफलों से रिप्लेस किया जा रहा है. अब यूपी पुलिस में 70 साल पुराने असलहे थ्री नॉट थ्री के प्रयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसे आरआई (RI) के यहां मालखाने में जमा कराया जाएगा और फिर शस्त्र फैक्ट्री में इसे नष्ट करा दिया जाएगा. एडीजी प्रयागराज जोन सुजीत पाण्डेय के मुताबिक थ्री नॉट थ्री पुलिस के लिए काफी कारगर हथियार रहा है.
कारगिल युद्ध के दौरान कारगर साबित
इसने कई मोर्चों पर यूपी पुलिस का बखूबी साथ भी निभाया है. बीहड़ों में डाकुओं से मोर्चा लेने की बात रही हो, या फिर साम्प्रदायिक दंगों के हालात बने हों. पुलिसकर्मी हमेशा अपने इसी हथियार के बल पर हर बार स्थिति को काबू करने में सफल रहे हैं. अब जिस हथियार इंसास से इसे रिप्लेस किया जा रहा है वह हथियार 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान कारगर साबित हुई थी. उनके मुताबिक बदलते दौर में जब तकनीक में बदलाव हो रहे हैं, ऐसे में तकनीकी रूप से पिछड़ चुके इस हथियार को बदलने का राज्य सरकार फैसला भी सही है.
यूपी पुलिस की बढ़ेगी ताकत
प्रयागराज जोन के एडीजी सुजीत पाण्डेय के मुताबिक प्रदेश में कानून-व्यवस्था को मजबूत और नया लुक प्रदान करने के लिए ही थ्री नॉट थ्री रायफल को रिप्लेस किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 2005 में हो गयी थी. जिसके बाद फेज वाइज थ्री नॉट थ्री राइफल को हटाया जा रहा था. उनके मुताबिक प्रदेश के थानों में 63 हजार इंसास और 23 हजार एसएलआर राइफलें दी जा चुकी है. एडीजी के मुताबिक यूपी पुलिस के अत्याधुनिक हथियारों से लैस हो जाने से जहां यूपी पुलिस की ताकत बढ़ेगी. वहीं बदमाशों के साथ होने वाली मुठभेड़ों में भी यूपी पुलिस के जवान इन नये हथियारों से डटकर उनका मुकाबला कर सकेंगे.
भावुक हुए पुलिसकर्मी
बहरहाल, सत्तर सालों से भी ज्यादा समय तक यूपी पुलिस में राज करने वाली थ्री नॉट थ्री रायफल की विदाई का ये समय पुलिस कर्मियों को भी भावुक कर रहा है. क्योंकि इतने सालों से इस हथियार से उनका वास्ता रहा है. लेकिन यूपी पुलिस के लिए अच्छी बात ये है कि इसके बदले अब उसे अत्याधुनिक हथियार इंसास और एसएलआर हथियार भी मिल रहे हैं. जिससे यूपी पुलिस भी हथियारों के मामले में पहले से ज्यादा हाईटेक नजर आयेगी और इस प्रकार थ्री नॉट थ्री शस्त्र इतिहास में एक इतिहास के रूप में हमेशा याद की जायेगी.