कोंच के तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा ने मंगलवार को कैलिया क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने खेत में जलती हुई पराली को लेकर किसानों पर कार्रवाई की. साथ ही वो खुद भी अकेले जलती हुई पराली को बुझाते नजर आए.
जालौन. एक कहावत है कि भय का भूत होता है. इस कहावत को चरितार्थ होते उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जालौन (Jalaun) में देखा जा सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के पराली जलाने (Stubble Burning) को लेकर सख्त तेवर और आदेश के बाद अफसरशाही सड़क पर आ गई है. अब अफसर खुद घूम-घूम कर खेतों में पराली बुझाते दिखाई दे रहे हैं. जो अफसर सारी योजनाओं को, आदेश को एसी आफिस में बैठकर अंजाम देते थे वो आज खेतों में नजर आ रहे हैं.
बता दें कि पूरा मामला जनपद जालौन के कोंच तहसील के केलिया गांव का है, जहां तहसीलदार खेतों में घूम कर पराली बुझाते नजर आ रहे हैं. कोंच के तहसीलदार इस समय गांवों में किसानों द्वारा जलाई गई पराली को बुझाने में लगे हुए हैं. तहसीलदार कोंच राजेश विश्वकर्मा ने मंगलवार को कैलिया क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने खेत में जलती हुई पराली को लेकर किसानों पर कार्रवाई की. साथ ही वो खुद भी अकेले जलती हुई पराली को बुझाते नजर आए.
आपको बता दें कि यूपी में पराली को जलाना प्रतिबंधित है और इसे जलने से रोकने और जलाने वालों के खिलाफ स्पष्ट कार्रवाई के आदेश भी हैं. जिसको लेकर तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा कृषि भूमि का निरीक्षण करने में लगे हैं और जहां भी पराली जलती मिल रही है, उसे खुद बुझाने में जुटे हुए हैं.